Home » रविवारीय » `खीर' बड़े चाव से खाते हैं पूनिया साहब

`खीर' बड़े चाव से खाते हैं पूनिया साहब

👤 | Updated on:31 May 2010 3:33 PM GMT
Share Post

w         बार-बार बाढ़ आ जाने से खेतीबाड़ी पभावित होती है। w         स्वच्छ पेयजल का अभाव, बिजली का भी भारी संकट w         सड़कों की हालत खस्ता, स्कूलों में टीचर नहीं, अस्पतालों में डॉक्टर नहीं w         विकास के मामले में राज्य सरकार पर बाराबंकी से भेदभाव का आरोप w         दूध-दही का नियमित सेवन, शाकाहारी भोजन अच्छा लगता है अभी भी बहुत से लोग ऐसे हैं जो कि मिठाइयां खाना पसंद नहीं करते। ऐसे लोग घर में बनी खीर या हलवा खाना पसंद करते हैं। देश के किसी भी कोने में चले जाओ `खीर' का पचलन तो करीब-करीब हर जगह मिल जाएगा। खीर को पौष्टिक आहार तो माना ही जाता है इसके अलावा बहुत से हिन्दू परिवारों में देवी-देवताओं को खुश करने के लिए भी हलवे या खीर का भोग लगाया जाता है। खीर का पचलन सैकड़ों वर्षों से नहीं शायद हजारें वर्षों से चल रहा है। सांसद पीएल पूनिया को भी खीर बहुत पसंद है। भले ही इनके सामने कोई भी मिठाई रखी हो लेकिन अगर खीर है तो बस खीर ही चाव से खाते हैं। उत्तर पदेश के बाराबंकी संसदीय क्षेत्र से कांगेस के सांसद डॉक्टर पीएल पूनिया ने बताया कि उनके संसदीय क्षेत्र से घाघर नदी गुजरती है जिसके कारण विशेषकर बरसात के मौसम में कृषि योग्य अधिकतर भूमि जलमग्न हो जाती है अर्थात बाढ़ आ जाती है और फसल को भारी नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि बरसात के मौसम से पहले नहरों की सफाई होनी चाहिए और पानी को एकत्रित करने के लिए बांध भी बनाए जाने चाहिए। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में स्वच्छ पेयजल का भी अभाव है जिसके लिए ज्यादा से ज्यादा हैंडपम्प लगाने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि उनके क्षेत्र में ही नहीं बल्कि पूरे उत्तर पदेश में बिजली का भारी संकट है। उन्होंने कहा कि कुछ गांवों में तो अभी विद्युतीकरण का काम बाकी है। ऐसे गांवों में बिजली पहुंची ही नहीं है। उन्होंने सड़कों की हालत भी खस्ता बताते हुए उन्होंने कहा कि राज्य की वर्तमान सरकार विकास का जो ढोल पीट रही है लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। उत्तर पदेश का विकास नहीं बल्कि विनाश होता जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया fिक विकास के मामले में बसपा सरकार उनके क्षेत्र से भेदभाव पूर्ण रवैया अपना रही है। सांसद पीएल पूनिया ने बताया कि क्षेत्र में स्कूल तो है लेकिन वहां टीचर नहीं है। इसलिए लोगों को निजी स्कूलों की तरफ भागना पड़ता है। उन्होंने क्षेत्र में कुछ नई रेलगाड़ी लाने तथा ओवरब्रिज बनाने की मांग की है। उन्होंने सीतापुर के पास बने एक धार्मिक स्थान को रेलमार्ग से जोड़ने का आग्रह किया है। उन्होंने बताया कि यहां सरकारी अस्पतालों का यह हाल है कि उसे डॉक्टर और नर्स नहीं चलाते बल्कि चतुर्थ श्रेणी कर्मी या दाई अस्पताल चलाती हैं। उन्होंने लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाए उपलब्ध करवाने तथा   यहां एक ट्रामा सेंटर खोलने की मांग की है। उन्होंने कहा कि समय-समय पर लोगों के स्वास्थ्य की जांच हेतु निशुल्क हेल्थ मेला या हेल्थ कैम्प लगने चाहिए, विकलांगों का निशुल्क उपचार होना चाहिए तथा गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की जांच तथा उनका निशुल्क उपचार होना चाहिए। लोकसभा सदस्य पीएल पूनिया का जन्मदिन 23 जनवरी को होता है। जन्मदिन मनाने का इनको कोई शौक नहीं परंतु गोल्फ खेलने के शौकीन जरूर हैं। गोल्फ और टाईकमांडो में इनकी अच्छी दिलचस्पी है। कई देशों की यात्रा भी इन्होंने की है। डॉ. पीएल पूनिया का विवाह इंदिरा जी के साथ 16 जनवरी 1974 को सम्पन्न हुआ। श्रीमती इंदिरा पूनिया अच्छी खासी शिक्षित महिला हैं पेंटिंग में इनकी गहन दिलचस्पी है। दिल्ली       ललित कला अकादमी में इंदिरा जी कई बार पेंटिंग पदर्शनी का आयोजन कर चुकी है। पेंटिंग में इन्होंने कुछ अवार्ड भी हासिल किए हैं। सांसद पूनिया को शाकाहारी भोजन अच्छा लगता है। हरी  सब्जिया दूध और दही का ये पाय नियमित सेवन करते हैं। सुबह की सैर और योगा भी ये जरूर करते हैं। संगीत सुनने और किताबें पढ़ने का शौक अभी भी बरकरार है। फलों में इनको सेब और संतरा खूब भाता है। राजनीति पर चर्चा करते हुए डॉ. पूनिया ने कहा कि सोनिया जी और राहुल जी की मेहनत से देश तरक्की कर रहा है और पार्टी भी दिन-पतिदिन मजबूत होती जा रही है। उन्होंने कहा कि सोनिया जी और राहुल जी को  कोई पद पाने की कोई लालसा नहीं है। इनका तो एकमात्र उद्देश्य जनता की सेवा करना और देश  को विकास के मामले में आगे बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा ही नहीं है। उन्होंने कहा कि केन्द्र में जब यूपीए सरकार दोबारा सत्ता में आई तो विपक्ष और ज्यादा बौखला गया। उल्लेखनीय है कि डॉ. पूनिया लखनऊ गोल्फ क्लब के चेयरमैन भी रह चुके हैं। रमेश राजपूत  

Share it
Top