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म्यूजियम में रहते हैं डाक टिकट

👤 | Updated on:6 Jun 2010 4:46 PM GMT
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इंटरनेट जैसी पफास्ट संचार तकनीक के विकसित हो जाने से चि"d"ाr-पत्रााr के एक लंबे अध्याय को खत्म कर दिया और इसी के साथ खत्म हो गया स्टाम्प यानी डाक टिकट का चलन। पत्रा व्यवहार में खास स्थान रखने वाले स्टाम्प को लेकर एक समय तक क्या-क्या पयोग नहीं किए गए। डाक टिकटों को आकर्षक और अलग हटकर बनाने के लिए समय-समय पर इनमें परिवर्तन होते रहे। कुछ डाक टिकट तो सिपर्फ इसलिए डिजाइन किए गए कि इन्हें यादगार के तौर पर या पिफर एक युग के अन्त हो जाने की निशानी के रूप में आज भी रखा गया है। यह डाक टिकट वाकई सामान्य से अलग हैं। इन्हें या तो किसी को सम्मान देने के लिए या पिफर एक अलग स्वरूप देने के लिए निर्मित किया गया। आइए जानें ऐसी ही कुछ डाक टिकटों के बारे में, जिन्हें आज भी लोग बहुमूल्य संग्रह के रूप में रखते हैं। स्वारोवस्की क्रिस्टल स्टाम्प- वर्ष 2004 में ऑस्ट्रिया ने दुनिया का पहला क्रिस्टल कोट वाला स्टाम्प जारी किया। यह स्टाम्प स्वारोवस्की क्रिस्टल पोड्यूसर द्वारा बनाया गया, स्टाम्प की कीमत 7.50 यूरो निर्धरित की गई थी। यह स्टाम्प सामान्य स्टाम्प की तरह ही कागज से निर्मित किया गया थाऋ लेकिन इसे खास बनाने के लिए इसमें एक विशेष पकार के गोंद से क्रिस्टल चिपकाया गया था। टिकट पर असली कांच की परत इसे अन्य की तुलना में कापफी आकर्षक बना देती थी। सूकर बॉल स्टाम्प- मार्च 2008 में ऑस्ट्रिया के पोस्ट ऑपिफस ने एक ऐसा स्टाम्प जारी किया जो उसी मटीरियल से बना था जिससे यूईएपफए यूरोपियन चैंपियनशिप बॉल बनी होती है। चैंपियनशिप बॉल पॉलीयूरीथेन में सिंथेटिक मिलाकर बनाई जाती थी। इस तत्व से डाक टिकट का निर्माण कर इसे आम लोगों के बीच लोकपिय बनाने के लिए इसमें कई अन्य पयोग भी किए। सिम्पसन स्टाम्प- अमेरिका की पोस्टल सर्विस ने 7 मई 2009 को सिम्पसन के चित्रा वाला डाक टिकट जारी किया। पथम श्रेणी के इस डाक टिकट की कीमत 44 सेंट निर्धरित की गई थी। सिम्पसन के लिए यह उन्हें मिलें तामाम सम्मानों से कहीं बड़ा सम्मान था। चॉकलेट स्टाम्प- डाक टिकट को चिपकाने के लिए ज्यातर लोग इसे जबान से चाट कर लार का उपयोग करते हैं। ऐसा लोग इसलिए करते हैं ताकि टिकट में मौजूद गोंद को गीला किया जा सके और उसे पत्रा में चिपकाया जा सके। इस तरीके को कुछ ही लोग उपयोग में लाते रहे हैं क्येंकि कुछ उसे आलस्य और गंदगी की निशानी मानते रहे हैं। लोगों की इसी आदत का पफायदा उ"ाते हुए और टिकट को चाटकर चिपकाने की पक्रिया को टेस्टी बनाने के लिए इसमें चॉकलेट की परत चढ़ा दी जाती है। इस अनोखे स्टाम्प को चॉकलेट मेल कहा जाता है। यह डाक टिकट तीन फ्रलेवर में आता है, डार्क, मिल्क और व्हाइट चॉकलेट। पथम श्रेणी की यह डाक टिकट चॉकलेट बार की तरह पतीत होती है। कॉपफी की खुशबू वाला स्टाम्प- ब्राजील द्वारा जारी किए गए इस स्टाम्प में कॉपफी बीन्स की पॉलिश की जाती है। इस डाक टिकट में जिस कॉपफी की पॉलिश की जाती थी, उसे पहले भूना जाता था और उच्च दबाव में पिफल्टर किया जाता था। इस पक्रिया में बाद तैयार एरोमा कॉपफी  की परत डाक टिकट पर चढ़ाई जाती थी। इस पक्रिया की पीछे इसे तैयार करने वालों का मनना था कि ऐसी कॉपफी से तैयार डाक टिकट  कम से कम पांच साल तक सुरक्षित रखा जा सकता है। जिबरॉल्टर स्टाम्प- वर्ष 2002 में जिबरॉल्टर ने जो डाक टिकट जारी किया उसमें अपनी ध्रती के महत्वपूर्ण हिस्सों को न सिपर्फ चिन्हित किया बल्कि उनके बारे में लिखा भी। 4 सेट में उपलब्ध् जिब्रॉल्टर की पहाड़ियों के चित्रा वाला डाक टिकट पूरी दुनिया में मशहूर हुआ। स्टाम्प के बारें में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य 1. दुनिया का पहला डाक टिकट 6 मई 1840 को जारी किया गया। 2. दुनिया के पहले स्टाम्प का नाम पेनी ब्लैक था 3. दुनिया के पहले पोस्टेज स्टाम्प में रानी विक्टोरिया का चित्रा बना हुआ था स्टाम्प का निर्माण करने की पफेहरिस्त में कई देशों ने कुछ ऐसे पयोग किए जिसमें स्टाम्प को अजायबघर तक पहुंचने का अवसर दिया। तमाम अद्भुत कलाओं के जरिए छोटी सी डाक टिकट को बहुमूल्य वस्तु का रूप दिया गया। ऐसे ही डाक टिकटों की श्रेणी में ऑस्ट्रेलिया ने स्टाम्प को कई सदियों के लिए यादगार बनाए रखने के लिए धगों की कढ़ाई वाले डाक टिकटों की सीरीज जारी की। सेंट गैलन में बनाई गई इस डाक टिकट ने लोगों को खूब आकर्षित किया। कुछ ऐसा ही पयोग ब्रिटिश मेल सर्विस कमीशन ने भी किया। कमीशन ने पथम श्रेणी के स्टाम्प बनाए जो स्टाम्प न होकर क्लासिक एलबम कवर के रूप में पस्तुत किए गए। इस स्टाम्प के आकार के कवर में अलग-अलग एलबम के चित्रा पकाशित किए जाते हैं। अमरीका में ध्tम मचा देने वाले अमेरिकन आइडल कार्यक्रम के पायोजनकर्ताओं ने इसे हमेशा के लिए यादगार बनाने के लिए स्टाम्प का निर्माण कराया। इस स्टाम्प में लिमिटेड एडिशन के चित्रााsं को पकाशित किया गया। इसके साथ ही अमेरिकन आइडल में विजेताओं की तस्वीर में स्टाम्प में छपवाई जाती थी। हाल ही में एक व्यक्ति ने अमेरिका के इतिहास को दर्शाने वाले एक डाक टिकट को 825000 डॉलर में खरीदा। वर्ष 1918 में चलन में रहने वाले 24 सेंट के डाक टिकट की बोली लगाई गई, जिसमें उस दौर के हवाई जहाज का चित्रा बना हुआ था। एक समय मात्रा 24    सेंट में मिलने वाले इस डाक टिकट की कीमत 100 वर्ष से भर कम समय में इतनी बढ़     जाएगी,  इसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता था। डाक टिकटों को एकत्रात करने का शौक कभी भी आपको    करोड़पति या शायद अरबपति भी बना सकता है। इसलिए अब   आगे से कहीं भी कोई डाक   टिकट मिले तो उसे संभल कर रखें।  शालिनी बाजपेयी    

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