Home » रविवारीय » नेचुरल पोडक्ट्स

नेचुरल पोडक्ट्स

👤 | Updated on:6 Jun 2010 4:48 PM GMT
Share Post

भागदौड़ से भरी जिंदगी में ताकत देने के लिए पाकशतिक उत्पाद बेहद सहायक होते हैं। इन दिनों आयुर्वेद पर लोगों का भरोसा पहले की तुलना में कहीं ज्यादा बढ़ चुका है। अब आयुर्वेद का अपना अलग बाजार है। इसी बाजार ने सौंदर्य पसाध्नों में भी आयुर्वेदिक उत्पादों को जन्म दिया है। सौंदर्य पसाध्नों में आयुर्वेदिक तत्वों और जड़ी बूटियों को मिलाकर त्वचा को निखारने व बाहरी सौंदर्य बढ़ाने के तमाम पोडक्ट बाजार में आ चुके हैं। इन पोडक्ट की लगातार बढ़ती बिक्री इस बात के सापफ संकेत दे रही है कि लोगों का आयुर्वेद पर विश्वास किस कदर बढ़ रहा है। रसायनों के हानिकारक पभाव से त्वचा को बचाने के लिए लोग हर्बल पाउडर ही पयोग कर रहे हैं। कोई भी यह नहीं चाहता कि त्वचा की देखभाल के लिए जो भी सौंदर्य पसाध्न पयोग कर रहा है, उसमें थोड़ी मात्राा में भी रासायनिक तत्व मिले हों। एक समय तक लोगों के पास रासायनिक सौंदर्य उत्पादों का विकल्प न होने के कारण उन्हें यह पोडक्ट उपयोग करने ही पड़ते थे। लेकिन अब जब लोगों के पास हर्बल पोडक्ट के रूप में आयुर्वेद का वरदान है तो वह भला त्वचा के साथ खिलवाड़ कैसे कर सकते हैं। इन दिनों नेचुरल पोडक्ट के अलावा एरोमा मैजिक जिसे एरोमा थैरेपी के नाम से जाना जा रहा है, भी कापफी लोकपिय हो चुका है। लोगों के बीच एरोमा थैरेपी की लोकपियता समय के साथ बढ़ती जा रही है इस थैरेपी में सौंदर्य निखारने के लिए जड़ी-बूटियों और उनसे बने तेलों का उपयोग किया जाता है। एरोमा थैरेपी का उपयोग भारत में सदियों से किया जा रहा है। पूरी दुनिया में आयुर्वेद को पचारित-पसारित करने में भारत का ही योगदान है। इन दिनों बाजार में ऐसे कई बॉटनिकल पोडक्ट आ रहे हैं जो पूरी तरह से हर्बल हैं। इन पोडक्ट में क्रीम, पाउडर और तेल कई रूपों में आ रहे हैं। जो त्वचा के लिए पफायदेमंद तो होते ही हैं साथ ही इनसे किसी पकार का साइड इपफेक्ट भी नहीं होता। इन  तमाम पोडक्ट के जरिए त्वचा की समस्या के साथ बालों से जुड़ी परेशानियां भी दूर की जाती हैं। हर्बल पोडक्ट के रूप में मौजूद अधिकतर उत्पाद पफलों ओर सब्जियों से बनाए जाते हैं। इसके अलावा कुछ खास जड़ी-बूटियों और तेलों से भी हर्बल पोडक्ट बनाए जाते हैं। यह सभी पोडक्ट त्वचा को स्वस्थ और पोषण देते हैं। हर्बल पोडक्ट बनाने वाली सभी कंपनियां यह दावा करती हैं कि वह जो भी उत्पाद बना रही हैं उनमें किसी पकार का सिंथैटिक तत्व या रसायन उपयोग नहीं किया जा रहा है। कुछ लोग सिंथैटिक उत्पादों से होने वाली एलर्जी को खत्म करने के लिए हर्बल पोडक्ट इस्तेमाल करते हैं। अच्छी बात यह है कि यह सभी बॉटनिकल पोडक्ट खासे महंगे भी नहीं होते। सिंथैटिक पोडक्ट की तुलना में नेचुरल पोडक्ट का असर लम्बे समय तक बना रहता है। सिंथैटिक पोडक्ट सिपर्फ क्षणिक पभाव ही दिखाते हैं। यह पोडक्ट पयोग के बाद अपना असर भी छोड़ते हैं जिसमें चेहरे पर झाइयां आना और त्वचा में दाग-ध्ब्बे पड़ जाना आम बात है।  इसके उलट हर्बल पोडक्ट त्वचा की पकशति के अनुसार कार्य करते हैं और त्वचा में निखार लाने वाले कारकों को सक्रिय बनाते हैं। इन पोडक्ट्स को सिपर्फ बातों के आधर पर नहीं परखा जा सकता। इनकी खूबी का आंकलन तभी लगाया जा सकता है जब इन्हें इस्तेमाल में लाया जाए। पाकशतिक सौंदर्य पसाध्नों का असर उस समय और भी दिखता है जब इनके उपयोग के साथ-साथ जीवनशैली में पाकशतिक खानपान को भी अहमियत दी जाए। त्वचा में निखार सिपर्फ बाहरी उत्पादों से नहीं किया जा सकता। अगर शरीर को उचित मात्राा में पोषक तत्व नहीं मिल रहे तो कोई भी हर्बल पोडक्ट त्वचा पर अपनी तासीर के अनुसार पभाव नहीं डाल पाएगा। पाकशतिक उत्पादों का त्वचा पर तभी सकारात्मक पभाव नजर आएगा जब आप अंदरूनी रूप से भी स्वस्थ होंगे। इसके लिए डाइट चार्ट बना लें। चार्ट में ज्यादा से ज्यादा पफल और सब्जियां उपयोग में लाएं। शरीर में पानी की संतुलित मात्राा होना भी चेहरे की खूबसूरती के लिए जरूरी है। स्वस्थ शरीर ही स्वस्थ त्वचा की कुंजी है। इसलिए खुद को खूबसूरत दिखाना चाहते हैं तो हर्बल पोडक्ट के साथ हर्बल डाइट भी लें। अच्छे खानपान के साथ बेहतर नींद और नियमित व्यायाम के जरिये भी शरीर और त्वचा दोनों को जानदार बनाए रखा जा सकता है। हर्बल पोडक्ट तो आपकी त्वचा को बाहरी पदूषण और तेज ध्tप के पभाव से बचाते हैं। त्वचा में असली निखार तो अंदरूनी क्रियाकलापों से ही आता है। बेहतर लाइपफस्टाइल से खूबसूरती में चार-चांद लगाकर इसे बनाए रखने के लिए हर्बल पोडक्ट ही इस्तेमाल करें। सिंथैटिक पोडक्ट अच्छी खासी शक्ल को बिगाड़कर रख देते हैं, जितना हो सके इनसे बचने की कोशिश करें। कभी-कभी आपको नेचुरल पोडक्ट्स की ज्यादा कीमत भी चुकानी पड़ सकती है। क्योंकि इनमें जो तत्व मिलाए जा रहे हैं, वह कहीं अध्कि शु( और बिना किसी हानिकारक पदार्थ को मिलाए तैयार किये जाते हैं। आयुर्वेद की मानव जीवन में बढ़ती हिस्सेदारी इस बात की ओर संकेत कर रही है कि आने वाले समय में लोग इसे सिपर्फ त्वचा की देखरेख में ही उपयोग नहीं करेंगे बल्कि यह जीवन के हर क्षेत्रा में अपनी पकड़ मजबूत कर लेगा। एरोमा थैरेपी में उपयोग किए जाने वाले नेचुरल ऑयल डेड स्किन कोशिकाओं को चेहरे से अलग कर देता है। हर्बल पोडक्ट में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं जो त्वचा को हानिकारक बैक्टीरिया से बचाते हैं। जड़ी-बूटियों से पाप्त होने वाला तेल न सिपर्फ त्वचा की सुरक्षा करता है बल्कि यह कोशिकाओं की भी वश( करता है। नैचुरल उत्पादों की श्रेणी में आने वाली क्रीम चेहरे पर नमी बनाए रखती है जिससे झुर्रियों की आशंका दूर रहती है। इन तमाम खूबियों के साथ हर्बल पोडक्ट किसी के भी जीवन में खूबसूरती के नए पैमाने गढ़ सकते हैं। अब तो इन पोडक्ट्स के जरिये चेहरे के तमाम दोष दूर किए जाने लगे हैं। इनकी बढ़ती लोकपियता इस बात के संकेत देती है कि यह लोगों को पफायदा दे रहे हैं वर्ना कोई भी अपनी मेहनत की कमाई को बेकार की चीजों में खर्च नहीं करना चाहता। नीलोपफर    

Share it
Top