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आलू भुजिया बहुत भाती है यशवंत सिन्हा जी को

👤 | Updated on:6 Jun 2010 4:50 PM GMT
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w         बिजली-पानी की कमी, सड़कों की हालत खस्ता, शिक्षा का अभाव w         नरेगा योजना और बीपीएल कार्ड में धांधतली का आरोप w         क्षेत्र को रेलमार्ग से जोड़ने के लिए सर्वे करवाया, कार्य भी पगति पर w         स्वार्थ की राजनीति पर चिंता जताई w         मध्य एशिया के कुछ देश अच्छे लगे, पुरानी फिल्में के शौकीन आलू से शायद ही कोई अच्छूता होगा। सदियों का राजा माना जाने वाला आलू किसी न किसी रूप में सबका चेहता है। डॉक्टरों की सलाह पर आलू से परहेज हो तो अलग बात है अन्यथा आलू से बनी कोई न कोई आइटम हर व्यक्ति को पसंद होती है। भले ही कोई गरीब हो या अमीर जब भी कभी उनके घर में कोई समारोह होता है और खाने का पबंध है तो आलू की सब्जी के अलावा और भी आलू से बनी चीजें मिल जाएगी। किसी को आलू की चाट पसंद होती है तो किसी को आलू की टिक्की, आलू चिप्स, आलू भुजिया या फिर आलू फाई आदि मजे की बात यह है कि आलू की अधिकतर आइटम नमकीन ही होती है। ऐसे में किसी को कोई चीज पसंद हो लेकिन पूर्व केन्द्राrय मंत्री एवं सांसद यशवंत सिंहा को आलू भुजिया बहुत पसंद है। पाय हर रोज भोजन में इनको आलू भुजिया खूब भाती है। झारखंड के हजारीबाग     संसदीय क्षेत्र से भाजपा के सांसद यशवंत सिन्हा ने वीर अर्जुन को बताया कि उनका संसदीय क्षेत्र एक पिछड़ा क्षेत्र है जहां बिजली की भारी किल्लत है। स्वच्छ पेयजल का अभाव है। सड़कों की हालत खस्ता तथा महंगाई, बेरोजगारी और नक्सलवाद के कारण बुरा हाल है। उन्होंने बतया कि सिंचाई का पानी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध न होने से खेतीबाड़ी का काम भी चौपट है और क्षेत्र में शिक्षा का भी अभाव है। उन्होंने बताया कि 34 जिले नक्सलवाद की चपेट में हैं जिनमें हजारीबाग भी एक है। सांसद यशवत सिन्हा ने बताया कि नरेगा योजना भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। इस योजना से न तो कोई काम हो रहा और न ही लोगों को कोई लाभ। उन्होंने बताया कि बीपीएल कार्ड में भी बड़े पैमाने पर हेराफेरी हो रही है, वास्तव में जिन लोगों के कार्ड बनने चाहिए उनके नहीं बन रहे और पात्र लोगों के बीपीएल कार्ड न बनने से उनको सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता। पूर्व केन्द्राrय मंत्री एवं सांसद यशवंत सिन्हा ने बताया कि हजारीबाग क्षेत्र रेल सेवा से भी वंचित है। उन्होंने कहा कि जब वे केन्द्र में मंत्री ये तो अपने अथक पयासों से रेलमार्ग के लिए सर्वे करवाया था और सर्वे के बाद कार्य पगति पर है।उन्होंने बताया कि लड़के-लड़कियों के लिए पर्याप्त मात्रा में स्कूल-कालेज नहीं है और शिक्षा के अीााव के कारण भी नक्सलवाद बढ़       रहा है। उन्होंने केन्द्र सरकार से नक्सलवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार व केन्द्र सरकार को जन पतिनिधियों के सुझाव जरूर लेने चाहिए और उन्हें पूरा मान सम्मान दिया जाना चाहिए। उल्लेखनीय है कि राजनीति में आने से पहले यशवंत सिन्हा जी भारतीय पशासनिक सेवा के बड़े अधिकारी से आईएएस अधिकारी के पद से इस्तीफा देकर उन्होंने राजनीति में कदम रखा। अब करीब 25 वर्षों का इनको राजनीतिक अनुभव भी हो चुका है। इस समय भारतीय जनता पार्टी में बड़े कद के नेता है, इनको अब भी उम्मीद है कि केन्द्र में फिर से भाजपा की सरकार बनेगी। भाजपा नेता यशवंत सिंह जी इस समय       तीसरी बार लोकसभा के सदस्य हैं इससे पूर्व दो बार राज्यसभा सदस्य और बिहार विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं। उन्होंने राजनीति पर अपनी पतिकिया व्यक्त करते हुए कहा कि पहले की राजनीति और आज की राजनीति में दिन-रात का अंतर है। उन्होंने कहा कि पहले   जनहित, देशहित और समाज सेवा के लिए राजनीति होती थी लेकिन अब अपने निजी स्वार्थ के लिए राजनीति होती है। सांसद यशवंत सिन्हा का जन्मदिन 6 नवम्बर को होता है। अपने घर परिवार के सदस्यों व खास मित्रों के साथ जन्म दिन का शुगन मेला कर लेते हैं। किताबें पढ़ना, घूमना और पुरानी फिल्में देखना इनको अच्छा लगता है। यशवंत सिन्हा जी का विवाह मीलिया जी के साथ 17 फरवरी 1961 को हुआ। श्री नीलिया सिन्हा एक लेखक हैं। बच्चों की कई पुस्तकें उन्होंने लिखी है। नीलिया जी वर्षों से लेखक संघ की अध्यक्षा भी हैं। पूर्व केन्द्राrय मंत्री यशवंत सिन्हा जी को शाकाहारी     भोजन अच्छा लगता है। वैसे कभी-कभार नानवेज भी चल जाता है। दाल-भात, दही चीनी, खीर, सेवइयां इनको बहुत     पसंद है।सुबह की सैर और योगा भी ये जरूर करते हैं। सिन्हा जी ने बहुत सी विदेशी यात्रा की    लेकिन सुन्दरता के लिहाज से मध्य एशिया के कई देश इनको अच्छे लगे।  

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