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हमारी पुलिस में इंसान या दरिंदे हैं

👤 | Updated on:13 Jun 2010 3:33 PM GMT
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मैं यह सवाल इसलिए करने पर मजबूर हो गया हूं कि मैं यह देख रहा हूं कि शायद ही कोई दिन हो जब देश के किसी कोने से पुलिस की ज्यादतियों की खबर न आए। कहने को हम यह कहते हैं कि हमारी पुलिस और फौजें निहायत सलीके से अमल करती हैं। दूसरे देशों में इनका जो अमल रहा है उससे जब हम अपना मुकाबला करते हैं तो कुछ क्षणों के लिए यह ख्याल हो जाता है कि हमारे हथियारबंद जवानों में इंसानियत और शराफत आज भी कूट-कूटकर भरी है। बेशक यह अमर नाकाबिले तरदीद है, लेकिन बदकिस्मती यह है कि ऐसे ही जवानों में आए दिन कोई न कोई वाकया हो जाता है जिस पर सारी पुलिस और फौज बदनाम हो जाती है। इस वक्त मेरे सामने अपने देश की राजधानी के एक थाने के अहलकारों की शर्मनाक हरकत है। बयान किया जाता है कि एक बदनसीब औरत को अपने बच्चों के सामने ही नग्न होना पड़ा और इतना ही नहीं पुलिस थाने के अन्दर तीन पुलिस जवानों में जिनमें एक महिला हैड कांस्टेबल भी थी, उन्होंने उस बदनसीब औरत को मजबूर किया कि वह अपने बेटे से जीनसी हरकत करे। मैं यह खबर पढ़ने को तैयार न था लेकिन मैंने खासतौर पर उसकी तफ्सील जानने की कोशिश की और मुझे बताया गया कि यह वाकया वाकई हुआ है। राजौरी गार्डन के पुलिस स्टेशन में यह सब कुछ हुआ और अब इस थाने के इंचार्ज वगैरह को मुअत्तल कर दिया गया है। उनके खिलाफ आरोप यह है कि उन्होंने मासूम बच्चों को गैर इंसानी हरकत करने पर मजबूर किया। उस बदनसीब औरत के दो बच्चे एक मोटर कार में से कुछ चीजें चुराने के इल्जाम में गिरफ्तार किए गए थे। बताया जाता है कि यह महिला मायापुरी इलाके की रहने वाली है और उसने दिल्ली पुलिस कमिश्नर श्री युद्धवीर सिंह डडवाल से इस बात की शिकायत की जिस पर एक विजिलैंस इन्क्वायरी बिठा दी गई और पुलिस के तीनों जवानों को मुअत्तल कर दिया गया। इसके अलावा जिस थाने में यह वाकया हुआ है उस थाने के इंचार्ज को बदल दिया गया है। पश्चिमी जिला के डिप्टी कमिश्नर पुलिस श्री शरद अग्रवाल ने बताया कि हैड कांस्टेबल अमृता सिंह और दो कांस्टेबल प्रमोद कुमार और संतोष को मुअत्तल कर दिया गया है, क्योंकि आप उन कमसिन मुजरिमों से मुनासिब तरीके पर पेश न आ सके। यह वाकया 22 मई का बयान किया जाता है और राजौरी गार्डन के थाने में हुआ है। दो बच्चों को चोरी के इल्जाम में गिरफ्तार किया गया और उनके माता-पिता को पूछताछ के लिए थाने में बुलाया गया। उनकी माता का कहना है कि तहकीकात के दौरान पुलिस ने उसे उसके बच्चों के सामने कपड़े उतारने पर मजबूर कर दिया। इतना ही नहीं, उसने यह इल्जाम भी लगाया है कि उसे अपने बेटे से जीनसी हरकत करने पर मजबूर किया। उस महिला ने यह शिकायत भी की कि 23 मई के दिन जब वह दोबारा पुलिस थाने पहुंची तो उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने उससे कई सवाल पूछे और उसे बताया कि उसके दोनों बेटों ने एक मोटर कार से छह हजार रुपये की चोरी की है। उस औरत ने यह भी बताया कि जब उसके बच्चों ने चोरी के इल्जाम से इनकार किया तो उसके सामने पुलिस ने उनकी पिटाई शुरू कर दी। इस असना में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि उन्होंने औरत और उसके बेटों का बयान दर्ज कर लिया है और अगर पुलिस के जवान दोषी ठहराए गए तो उनके खिलाफ मुनासिब कार्यवाई की जाएगी। राजौरी गार्डन के असिस्टेंट कमिश्नर पुलिस को कहा गया है कि वह इस सारे मामले की तहकीकात करे। यह तो है दिल्ली का एक वाकया। अब आइए आपको जयपुर के एक पुलिस थाने के अहलकारों की दरिंदगी की तफ्सील बताता हूं। 73 वर्षीय जगदेव के लिए साईं बाउ पुलिस थाने के तीन जवान दरिंदे साबित हुए। उन्होंने उसे एक पेड़ पर लटका दिया और उससे चोरी के बारे में सवाल करने लगे। जब उस व्यक्ति की बीवी ने पुलिस वालों से कहा कि वह पेड़ से लटके हुए उसके पति को नीचे उतार दें तो उन्होंने उस औरत को भी धमकी दी कि उसे भी उसके पति के साथ पेड़ से लटका दिया जाएगा। इसके बाद अवाम की मौजूदगी में पुलिस ने मियाँ-बीवी को बुरी तरह पीटा। धौलपुर के पुलिस कप्तान सुरेन्द्र कुमार उपरोक्त थाने के इंचार्ज राजेन्द्र काविया, असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस चमन लाल और कांस्टेबल गजेन्द्र और एडिशनल कप्तान शौरी लाल मीणा सारे मामले की तहकीकात करेंगे और तीन दिन के अन्दर अपनी प्राथमिकी रिपोर्ट आला हुक्काम तक पहुंचाएंगे। इसके बाद थाने के इंचार्ज श्रीनिवास राव जंगा इस इलाके का दौरा करेंगे और हालात का जायजा लेंगे। आपने कहा कि यह एक अमल गैर इंसानी था। इसलिए पुलिस के तीन जवानों को मुअत्तल करना पड़ा है। इसके बाद तहकीकात के बाद जो रिपोर्ट मिलेगी उसके मुताबिक कार्रवाई की जाएगी। अगर इन जवानों का अमल दुरुस्त पाया गया तो उनके हक में मुनासिब कार्रवाई की जाएगी। पुलिस का कहना है कि जगदेव एक चोरी के मामले में गिरफ्तार किया गया है। आरोप यह है कि मुलजिमों में डेढ़ लाख के पुर्जे एक मोटर कार के पुर्जे बेचने वाली दुकान से चुराए थे। पुलिस ने यह दावा भी किया है कि उन्होंने जगदेव से एक चुराया हुआ मोबाइल भी कब्जे में लिया है। यह दो खबरें एक भारत की राजधानी और दूसरी राजस्थान की राजधानी की हैं। चूंकि यह उन बड़े शहरों के वाकयात हैं इसलिए अखबारों को नोटिस में आ गईं वरना कौन जानता है कि पुलिस आम लोगों से किस तरह पेश आ रही है। पुलिस वालों की दरिंदगी की खबरें करीबन रोज ही आ रही हैं और दिखता यह है कि उन्होंने यह समझना शुरू कर दिया है कि वह किसी के जवाबदेह नहीं हैं। उनका अमल अंधाधुंध हो रहा है। जरा-जरा सी बात पर अवाम की मदद करने के बजाय यह उन पर टूट पड़ते हैं जिसका नतीजा यह है कि सारी पुलिस बदनाम हो रही है और अगर आप गहराई से देखें तो आपको पता चल जाएगा कि कोई दिन ऐसा नहीं जाता जब इस किस्म के शर्मनाक हरकतों की रिपोर्टें देखने को न मिलें। उनको देखकर यह सवाल हो रहा है कि क्या पुलिस ने यह समझना शुरू कर दिया है कि वह खुदमुख्तार हैं।  

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