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बेसहारा बच्चों के साथ जन्मदिन मनाते हैं मीणा जी

👤 | Updated on:13 Jun 2010 3:34 PM GMT
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w         झीलों में पानी की कमी न रहे इसके लिए दिवास योजना शीघ्र w         सड़कों का कार्य संतोषजनक, गर्मी के चलते बिजली-पानी की कमी w         कुछ नई रेलगाड़ियां चलवाने तथा कुछ गाड़ियों के विस्तार की मांग w         विकास के मामले में मुख्यमंत्री गहलोत लोगों की आशाओं पर खरे उतर रहे हैं w         शाकाहारी भोजन में मूंग की दाल खूब भाती है, पुरानी फिल्मों में `शोले' अच्छी लगी आजकल लोग जन्मदिन भी अलग-अलग तरीके से मनाते हैं। कोई केट काटकर जन्मदिन मनाता है तो कोई मंदिर, मस्जिद या गुरुद्वारे जाकर अपना जन्मदिन मनाता है। कुछ लोग अनाथालयों में जाकर फल या मिठाइयां बांटकर अपना जन्मदिन मनाते हैं। कुछ लोग ऐसे भी जो जन्मदिन मनाना पसंद ही नहीं करते। बहरहाल सबकी अपनी-अपनी सोच और अलग-अलग तरीके हैं लेकिन सांसद रघुबीर सिंह मीणा अपना जन्मदिन बेसहारा बच्चों के बीच अनाथालय में जाकर अपना जन्मदिन मनाते हैं और इस मौके पर वे ऐसे बच्चों की हर संभव सहायता करने का पयास करते हैं। राजस्थान के उदयपुर शहर का ऐतिहासिक स्थानों में अपना एक विशेष महत्व है। महाराजा बप्पा रावलवशंज उदय सिंह इस नगर के संस्थापक थे। इस शहर को झीलों की नगरी के नाम से जाना जाता है वैसे मेवाड़ राज्य के नाम से भी विख्यात है। उदय सिंह के अलावा राणा सांगा, महाराणा पताप व फतेह सिंह आदि महाराजाओं ने यहां शासन किया। बताया जाता है कि राणा सांगा तो शरीर से अपाहिज भी थे लेकिन फिर भी उन्होंने कुशल शासन चलाया। यहां झीलों में दो द्वीप हैं और दोनों पर महल बने हैं। झीलों की नगरी और सिटी पैलेस के नाम से विख्यात इस ऐतिहासिक स्थान को हजारों की संख्या में देश-विदेश से टूरिस्ट यहां आते हैं। राजा महाराजाओं की बसाई इस नगरी का भले ही कितना महत्व हो लेकिन मूलभूत सुविधाओं का अभाव यहां वर्षों से अपनी गाथा गा रहा है। उदयपुर संसदीय क्षेत्र से कांगेस के सांसद रघुबीर सिंह मीणा ने वीर अर्जुन को बताया कि यहां ऐतिहासिक झीलों में पानी की कमी न रहे इसके लिए सरकार ने करीब 50 करोड़ की एक देवास योजना तैयार की है। उन्होंने बताया कि सिटी पैलेस और झीलों के रख-रखाव की       जिम्मेदारी अब यहां राज्य सरकार की है। उन्होंने बताया कि टूरिस्टों को आकृषित करने के लिए यहां की सुन्दरता का विशेष ध्यान रखा जाता है। सांसद रघुबीर सिंह मीणा ने बताया कि लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने का उनका पयास जारी है। उन्होंने बताया कि गर्मी के चलते बिजली की डिमांड बढ़ जाती है इसलिए बिजली की कमी हो जाती है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में पधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का काम ठीक चल रहा है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युतीकरण का काम धीमी गति से हो रहा है। उन्होंने बताया कि एक आईटी कालेज की स्वीकृति भी हो चुकी है। उन्होंने बताया कि सांसद निधि से छोटे-छोटे काम लोगों की जरूरतों के मुताबिक पाथमिकता के आधार पर करवाए जाते हैं। उन्होंने बताया कि विकास कार्यों के मामले में राज्य सरकार का बराबर सहयोग मिल रहा है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लोगों की आशाओं पर खरे उतर रहे हैं और राज्य में विकास कार्यों की कोई कमी नहीं छोड़ रहे। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार गरीबों के हित में कई कल्याणकारी योजनाएं भी चला रही है और बेहद गरीब लोगों को दो रुपए किलो अनाज मुहैया करवाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने मिलावटखोरों के खिलाफ भी अभियान चला रखा है। मीणा जी ने बताया कि रेल मंत्रालय से कुछ नई गाड़ियां चलवाने, मेवाड़ एक्सपेस व इंटरसिटी जैसी गाड़ियों का विस्तार करने तथा छोटी लाइन के एक हिस्से को बड़ी में तब्दील करवाने की उन्होंने मांग की है। उन्होंने बताया कि सांसद निधि से कुछ स्कूलों में वाटर कूलर भी लगवाए है। रघुबीर मीणा जी का विवाह बसंती जी के साथ 18 जून 1983 को सम्पन्न हुआ। श्रीमती बसंती देवी भी राजनीति से दूर नहीं हैं। वह भी राजस्थान विधानसभा की सदस्य हैं। मीणा जी भी राजस्थान में खेल मंत्री रह चुके हैं। जब ये मंत्री थे तो अनाथ बच्चों के साथ किकेट खेलना इनको बहुत अच्छा लगा था। सांसद रघुबीर सिंह मीणा को पहाड़ों में घूमना अच्छा लगता है। इसलिए डलहौजी जाने का इनका बार-बार मन करता है। सुबह की सैर ये जरूर करते हैं। मीणा जी ने कई पुरानी फिल्में देखी मगर फिल्म शोले और उसमें अमजद खान का गब्बर का रोल इनको काफी अच्छा लगा। सांसद रघुबीर सिंह मीणा के खाने में वेज-नानवेज सब चलता है। शाकाहारी भोजन में मूंग की    दाल और हरी सब्जियां खूब   भाती हैं। फलों में इनको सेब   और      केला अच्छा लगता है।   मीठे में ये रसमलाई के शौकीन हैं और दलिया भी पाय हर रोज खाते हैं।  

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