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चीन आतंकवाद का नया कारखाना बनेगानफा

👤 | Updated on:5 Sep 2010 12:23 AM GMT
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नुकसान (15 जुलाई 2010) में प्रकाशित एक समाचार के अनुसार सन् 2020 तक पुरुषों की संख्या स्त्रियों से 2.4 करोड़ अधिक हो जाएगी। इसका प्रभाव यह होगा कि  दो करोड़ चालीस लाख पुरुष अविवाहित रहेंगे। परिणामत वेश्यावृत्ति, बलात्कार, औरतों के अपहरण या कई पुरुषों के बीच एक पत्नी से गुजारा करना होगा। चीन का एक प्रांत मुस्लिम बहुल है। मुसलमानों में चार पत्नियां रखने का रिवाज है यानि 25 मुसलमानों के पास 100 स्त्रियां होती हैं और शेष 75 पुरुषों के पास स्त्रियां नहीं होती हैं। आज मुसलमानों में आतंकवाद फैलने में अन्य कारणों के साथ पुरुषों को समय पर यौन संतुष्टि न मिलना भी एक महत्वपूर्ण कारण है। चीन के मुस्लिम बहुल क्षेत्र में जब अविवाहित युवकों की संख्या बढ़ेगी तो वे आतंकवाद की ओर विमुख होंगे। चीन और पाकिस्तान के अच्छे संबंध हैं इसलिए चीन यदि पाकिस्तानी युवतियों से चीनी युवकों के विवाह को प्रोत्साहित करे तो चीन आतंकरादी अड्डा बनने से बच जाएगा। पाकिस्तान के साथ चीन का एक प्रांत भी आतंकवादियों का औद्योगिक क्षेत्र बन गया तो दुनिया त्राहि-त्राहि कर उठेगी। अमेरिका इस मुद्दे को यूएनओ में उठाने के अतिरिक्त अपनी ओर से चीन को आतंकवादियों का स्पेशियल जोन बनने से रोके। -सोहन सिंह भदोरिया भवन, बीकानेर  

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