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कृषि कार्य में अव्वल है गुजरात

👤 | Updated on:2 Sep 2010 12:51 AM GMT
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गुजरात कृषि क्षेत्र में अव्वल राज्य बन गया है। अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति शोध संस्थान के अनुसार गुजरात में 2004 के बाद कृषि मूल्यवर्द्धन 9.6 प्रतिशत की दर से बढ़ा है। यह सम्पूर्ण भारत के विकास दर के मुकाबले दोगुने से भी अधिक है। पंजाब में हरित क्रांति के दौरान हासिल की गई विकास दर के मुकाबले चार प्रतिशत ज्यादा है। आज देखने में आ रहा है कि देशभर में कृषि क्षेत्र में रेगिस्तान का खतरा बढ़ता जा रहा है। इसके बढ़ने का एकमात्र कारण भूजल के स्तर में कमी आना और वन क्षेत्र का सिकुड़ना है। गुजरात में पानी का अभाव रहा है। वहां सिर्प एक नर्मदा नदी प्रवाहित होती है। सन् 2000 तक राज्य का 12 प्रतिशत भूमि रेगिस्तान बन चुका था। भूजल स्तर को रोकने और कृषि कार्य व पीने का पानी मुहैया कराना बड़ी समस्या थी। इसके लिए वहां की सरकार ने बरसाती पानी पर ध्यान दिया। बरसात के दिनों में लाखों क्यूसिक पानी यूं ही समुद्र में जा मिलता था। अब बरसाती पानी सुरक्षित रखने का पूरा प्रबंध कर दिया गया है। राज्यभर में 81 लाख छोटे-बड़े तालाब बनाए गए हैं। इनके निर्माण पर 180 करोड़ रुपये सरकार ने खर्च किया है। इसमें किसानों का धन भी लगा है। ये तालाब किसानों के खेत में उस भाग में बनाए गए हैं जहां पानी का एकत्र होने की संभावना सबसे ज्यादा है। इन तालाबों से भूजल दोहन कम हुआ और सालोंभर खेती और पीने के लिए पानी का इंतजाम हो गया। तालाबों से बच गए पानी को रोकने के लिए दूसरा उपाय बोरी बांध बनाकर किया है। पानी का भरपूर प्रबंध होने से गुजरात का किसान खुशहाल है जबकि पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में किसान आत्महत्या कर रहे हैं। अन्य राज्यों को भी गुजरात का अनुसरण करना चाहिए। -राम लाल (पप्पू) द्वारका, नई दिल्ली।    

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