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राशन कार्ड की अनिवार्यता खत्म होनी चाहिए

👤 | Updated on:5 Oct 2010 12:16 AM GMT
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डीडीए ने विकलांगों भूतपूर्व सैनिकों अनु. जातियों तथा जनजातियों के लिए दुकानें आबंटित करने के लिए निर्धारित प्रपत्रों पर आवेदन मांगे हैं। फार्म में पते के सत्यापन के लिए राशन कार्ड अनिवार्य लिखा हुआ है। आजकल राशन कार्ड की जरूरत ही समाप्तप्राय है। फिर लगभग सभी सरकारी विभागों ने पते के सत्यापन के लिए ड्राइविंग लाइसेंस, डीएल, पासपोर्ट, बिजली पानी व टेलीफोन के बिल तथा सबसे ज्यादा इलेक्शन कार्ड को आईडी के रूप में मान्यता दे रखी है। फिर इन दुकानों के लिए आखिर राशन कार्ड जरूरी क्यों? दूसरे दिल्ली में पिछले पांच साल से रहने का प्रमाण मांगा जा रहा है। लेकिन यह नहीं लिखा गया है कि किस तरह का प्रमाण चाहिए। हालांकि डीएल ही अपने आप में इसका प्रमाण है। यदि इससे भी ज्यादा प्रमाण मांगना है तो स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट या नौकरी छोड़ने या सेवानिवृत्त होने का प्रमाण पत्र या फिर कोर्ट से एफिडेविट मांगा जाना चाहिए। फार्म में सब कुछ अस्पष्ट है। सर्वहारा वर्ग विकास समिति ने उपराज्यपाल तथा डीडीए का वाइस चेयरमैन को पत्र लिखकर मांग की है कि इन दोनों ही अनिवार्यताओं को तत्काल प्रभाव से समाप्त किया जाए तथा जन साधारण को इसकी सूचना बाकायदा अखबारों में विज्ञापन देकर दी जाए अन्यथा बहुत से योग्य अभ्यर्थी इनका लाभ उठाने से वंचित रह जाएंगे।    -इन्द्र सिंह धिगान, किंग्जवे कैम्प, दिल्ली।      

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